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नींद तो ठीक ठाक आई पर जैसे ही आँख खुली, फिर वही ज़िन्दगी और वो पगली याद आई.
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कैसे ना मर मिटू उस पर यारों पगली रूठ कर भी कहती है सुनो सँभल कर जाना.
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कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी !!
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कोई ऐसा पल नहीं जिसमें तू याद न आए.... . .. . सच कहूं.... . ... . .हर सांस गुलाम है तेरी..
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: दुश्मन सामने आने से भी डरते थे, और वो पगली दिल से खेल के चली गई !!
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तुम जिद हो दिल की ऎ सनम....
वरना इन आँखौ ने और भी चेहरे देखें है
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जिंदगी की राहों में तेरे साथ की खातिर
हमने अपनों से भी दुरिया बना ली
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: लाऊंगा कहाँ से जुदाई का हौसला
क्यों इस कदर मेरे करीब आ रहे हो
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: जिस जिस ने मुहब्बत में,अपने महबूब को खुदा कर दिया,खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,उनको जुदा कर दिया|
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नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
पता नहीं कहां से सीखी जालिम ने अदाएं रूठ जाने की।
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: अब हमारा ज़िक्र भी होना चाहिए...
ये लैला मजनू की कहानी आखिर कब तक चलेगी...!!
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: बादलों से कह दो अब इतना भी ना बरसे…. अगर मुझे उनकी याद आ गई, तो मुकाबला बराबरी का होगा…
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तुम्हारा दीदार..और वो भी..आँखों में आँखें डालकर,
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ये कशिश..कलम से बयाँ करना भी, मेरे बस की बात नही ।
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: हर बार अलफ़ाज़ ही काफी नही होते किसी को समझाने के लिए...
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कई बार कनपटी मे भी देना पडता है.
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: बहुत अँदर तक तबाही मचा देता है.. वो आँसू "जो आँख से बह नहीं पाता
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कदम सोचकर रखना 'राह-ए-मोहब्बत में दोस्त »
यहाँ हर किसी के नशीब मे 'मंजिल नही होती •□▪♧
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सुनो इजहार ए मुहब्बत में यू लफ्जों का इस्तमाल न कर...
मैं आंखों से सुन लूंगा, तू नजरों से बयान तो कर...!!
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हवाओं की भी अपनी अजब सियासतें है,
कहीं बुझी राख भड़का दे, कहीं जलते दिये बुझा दे....
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: अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी…!
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे…!!
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चलती हुई "कहानियों" के जवाब तो बहुत हैं मेरे पास...
लेकिन खत्म हुए "किस्सों" के लिए खामोशी ही बेहतर है......✍
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: क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का... किसी काम से आये थे,किसी काम के ना रहे........
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: है इबादत किसी इन्सां से मोहब्बत करना, जाने क्यूँ लोग मोहब्बत को खता कहते हैं.
: तुम हज़ार बार भी रुठोगे तो मना लूंगी तुमको मगर,शर्त ये है कि मेरे हिस्से की मुहब्बत में शामिल कोई दूसरा ना हो...!!
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रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं. . . .
फिर मत कहना चले भी गए और बताया भी नहीं. . . ! ..✍♡"
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: घर के ताले को इक ये शिकायत है मुझसे ...
मैं चाबी को उससे, बहुत जुदा जुदा सा रखता हूं ...
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: सोचता हूँ बंद करूँ लिखना शायरी, ये किसी के काम नहीं आती..!!
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उसकी याद तो दिलाती है पर उस का दीदार नहीं कराती..!!
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: "खता तेरी आँखों की नही है ,,,
"कसूर मेरा है जो खुद को इनमे देख रहा था ,,,.
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: दोस्तो, इज्जत किया करो
हमारी, वरना Girl Friend पटा लेंगे
तुम्हारी…
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: कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी !!
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: दुश्मन सामने आने से भी डरते थे, और वो पगली दिल से खेल के चली गई !!
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: तुम जिद हो दिल की ऎ सनम....
वरना इन आँखौ ने और भी चेहरे देखें है,
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: कैसे ना मर मिटू उस पर यारों पगली रूठ कर भी कहती है सुनो सँभल कर जाना.
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: अब हमारा ज़िक्र भी होना चाहिए...
ये लैला मजनू की कहानी आखिर कब तक चलेगी...!!
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: नींद तो ठीक ठाक आई पर जैसे ही आँख खुली, फिर वही ज़िन्दगी और वो पगली याद आई.
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: कोई ऐसा पल नहीं जिसमें तू याद न आए.... . .. . सच कहूं.... . ... . .हर सांस गुलाम है तेरी..
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: क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का... किसी काम से आये थे,किसी काम के ना रहे........
.. ______[™Best Whtsapp stutes™].
: बादलों से कह दो अब इतना भी ना बरसे…. अगर मुझे उनकी याद आ गई, तो मुकाबला बराबरी का होगा…
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है इबादत किसी इन्सां से मोहब्बत करना, जाने क्यूँ लोग मोहब्बत को खता कहते हैं.
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: कदम सोचकर रखना 'राह-ए-मोहब्बत में दोस्त »
यहाँ हर किसी के नशीब मे 'मंजिल नही होती •□▪♧
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ी काफी नही होते किसी को समझाने के लिए...
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कई बार कनपटी मे भी देना पडता है..
ुछ भरोसा नहीं. . . .
फिर मत कहना चले भी गए और बताया भी नहीं. . . ! ..✍♡"
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े वो #पगली बोली तुम इतने अच्छे✔
StuTus खुद बनाते हो..?
मैनें भी कह दिया ~
अंगूठा लगवा ले...
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